ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस्लाम का इस्तेमाल सिर्फ दिखावे के लिए करता है, असल में उसका मकसद आतंकवाद को बढ़ावा देना है और भारत में धार्मिक नफरत फैलाना है। ओवैसी ने साफ कहा कि पाकिस्तान की हरकतें धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक और रणनीतिक फायदे के लिए होती हैं।
‘इस्लाम का मुखौटा पहन पाकिस्तान आतंकवाद छिपाता है’
ओवैसी ने कहा, ‘पाकिस्तान का ‘डीप स्टेट’ यानी उसकी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई, इस्लाम का मुखौटा पहनकर अपने गैरकानूनी कामों और आतंकवाद को छिपाती है।’ उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमानों ने मोहम्मद अली जिन्ना की ‘दो-राष्ट्र सिद्धांत’ को पहले ही खारिज कर दिया है और वे लोकतांत्रिक भारत में ही रहना पसंद करते हैं। ओवैसी ने पाकिस्तान की दोहरी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘अगर पाकिस्तान सच में मुसलमानों का हितैषी है तो वह अफगानिस्तान, ईरान और बलूचिस्तान में मुसलमानों पर बमबारी क्यों करता है? बलोच, अफगान और ईरानी भी मुसलमान हैं।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पिछले 75 सालों से धर्म का गलत इस्तेमाल कर रहा है।
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‘भारतीय मुसलमानों ने जिन्ना का सिद्धांत ठुकराया’
उन्होंने यह भी कहा, ‘भारत में 23 करोड़ से ज्यादा मुसलमान हैं, जिनके पूर्वजों ने जिन्ना का सिद्धांत ठुकरा दिया था। पाकिस्तान चाहता है कि भारत में हिंदू-मुस्लिम के बीच दरार बढ़े, लेकिन हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे।’ उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ‘जब भारत ने बहावलपुर में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था, तो वहां मारे गए आतंकियों की अंतिम नमाज एक ऐसे व्यक्ति ने पढ़ाई, जिसे अमेरिका ने भी आतंकी घोषित किया हुआ है – हाफिज अब्दुर रऊफ। और उस जनाजे में लोग पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहनकर शामिल हुए थे। क्या दुनिया इसे नहीं देख रही?’
‘पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और नहीं सहन किया जाएगा’
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से प्रायोजित आतंकवाद अब और सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने पहलगाम में लोगों को मारने से पहले उनसे कलमा पढ़ने को कहा। जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई। क्या कोई सोच सकता है कि उन परिवारों पर क्या बीती होगी? अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का हमेशा के लिए अंत किया जाए।’
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भारत सरकार का बड़ा फैसला
इस बीच भारत सरकार ने भी साफ कर दिया है कि अब कोई भी आतंकी हमला ‘युद्ध’ के बराबर माना जाएगा और उसका जवाब उसी स्तर पर दिया जाएगा। शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तान के चार एयरबेस पर जवाबी हमला किया। भारतीय वायुसेना ने रफीकी, मुरिद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनीयन में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके अलावा पासरूर और सियालकोट के रडार ठिकानों पर भी हमले किए गए। भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि यह सभी हमले बहुत सटीक थे और पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को नुकसान पहुंचाया गया है। वहीं विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान की हरकतें भड़काऊ और उकसावे वाली हैं, लेकिन भारत ने संयमित और जिम्मेदार तरीके से जवाब दिया है।