रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम को लेकर अटकलें तेज हो गई है। जहां अब रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध के बीच अब बिना शर्त सीधी बातचीत की संभावना एक बार फिर से सामने आई है। इसको लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को कहा कि वे 15 मई को तुर्की के इस्तांबुल में यूक्रेन से बिना किसी शर्त के बातचीत करने को तैयार हैं। हालांकि उन्होंने आरोप भी लगाया कि 2022 में वार्ता यूक्रेन ने रोकी, न कि रूस ने।
रूस ने बार-बार दिया संघर्षविराम का प्रस्ताव
व्लादिमीर पुतिन ने रूस ने संधर्षविराम पर रूस का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि रूस ने बार-बार संघर्षविराम का प्रस्ताव दिया, लेकिन यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि एक बार तो दोनों देशों ने एक संयुक्त मसौदा भी तैयार किया था, जिसे कीव ने पश्चिमी दबाव में खारिज कर दिया। इस बीच रूस द्वारा घोषित 72 घंटे के एकतरफा युद्धविराम की अवधि रविवार को समाप्त हो गई, जिसके बाद पुतिन ने यूक्रेन पर आरोप लगाया कि इस दौरान कीव ने पांच बार रूस की सीमा पर हमला करने की कोशिश की।
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जेलेंस्की की चेतावनी: 30 दिन का युद्धविराम वरना प्रतिबंध
वहीं इस मामले में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार से 30 दिन का बिना शर्त युद्धविराम लागू करने की अपील की है ताकि शांति वार्ता की राह खोली जा सके। उन्होंने कहा कि यदि रूस नहीं मानता है तो ऊर्जा और वित्तीय क्षेत्रों में कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
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गौरतलब है कि जेलेंस्की ने यह प्रस्ताव फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, जर्मन चांसलर मर्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टारमर, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से चर्चा के बाद रखा। सूत्रों की माने तो ट्रंप ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, हालांकि व्हाइट हाउस की ओर से अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है। अब सबकी निगाहें 15 मई पर टिकी हैं कि क्या यह बैठक शांति की ओर कोई ठोस कदम साबित हो पाएगी या फिर एक और मौका गवां दिया जाएगा।